महाभारत के ‘कर्ण’ पंकज धीर का निधन, 68 की उम्र में कैंसर से हारी जिंदगी

महाभारत फेम एक्टर पंकज धीर का 68 साल की उम्र में निधन, बेटे निकितिन धीर और परिवार में शोक.

Update: 2025-10-15 10:25 GMT

टीवी और फ़िल्म जगत के दिग्गज अभिनेता पंकज धीर, जिन्होंने बी.आर. चोपड़ा की महाभारत (1988) में सूर्यपुत्र कर्ण का किरदार निभाया था, अब हमारे बीच नहीं रहे. 15 अक्टूबर 2025 को 68 साल की आयु में उनका निधन हो गया. लंबे समय से वो कैंसर से लड़ रहे थे. CINTAA (सिने एंड टीवी आर्टिस्ट एसोसिएशन) ने एक आधिकारिक बयान जारी करते हुए इस खबर की पुष्टि की और गहरे दुख की अभिव्यक्ति की. उनका अंतिम संस्कार मुंबई के विले पार्ले (W) स्थित श्मशान घाट पर शाम 4:30 बजे किया गया. गहरी शोक और दुःख के साथ सूचित किया जाता है.

CINTAA ने अपने बयान में कहा, गहरे दुख और शोक के साथ सूचित किया जाता है कि हमारे ट्रस्ट के पूर्व चेयरमैन और CINTAA के पूर्व महासचिव श्री पंकज धीर जी का 15 अक्टूबर 2025 को निधन हो गया. इस बयान के साथ ही फिल्म और टीवी इंडस्ट्री के कई कलाकारों ने सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि दी. प्रोड्यूसर अशोक पंडित ने भी पीटीआई से बातचीत में पुष्टि की कि, वो पिछले कुछ महीनों से कैंसर से जूझ रहे थे. कई बार अस्पताल में भर्ती हुए और आज सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली. महाभारत में अर्जुन का किरदार निभाने वाले फिरोज खान ने भी अपने को-स्टार की मृत्यु की पुष्टि की और कहा कि “कर्ण चला गया, पर उसकी स्मृति अमर रहेगी.

लंबी बीमारी से जूझ रहे थे पंकज धीर

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पंकज धीर काफी समय से अस्वस्थ थे. उनका कैंसर कुछ महीनों पहले फिर से लौट आया (relapse) था, जिसके बाद उन्होंने बड़ी सर्जरी करवाई थी. इलाज के बावजूद उनकी हालत धीरे-धीरे बिगड़ती गई और आखिरकार उन्होंने जिंदगी की जंग हार दी. उनकी बीमारी की खबरें पहले भी सामने आई थीं, लेकिन परिवार ने हमेशा इसे निजी रखा. उनके निधन के बाद टीवी और फ़िल्म जगत में शोक की लहर दौड़ गई है.

परिवार में शोक की लहर

पंकज धीर अपने पीछे एक गहरा पारिवारिक रिश्ता छोड़ गए हैं. उनकी पत्नी अनिता धीर मशहूर कॉस्ट्यूम डिज़ाइनर हैं. उनके बेटे निकितिन धीर बॉलीवुड के जाने-माने अभिनेता हैं, जिन्होंने चेन्नई एक्सप्रेस, सूर्यवंशी और इंडियन पुलिस फोर्स जैसी फिल्मों में काम किया है. उनकी बहू कृतिका सेंगर धीर, टीवी की लोकप्रिय अभिनेत्री हैं जिन्हें झांसी की रानी जैसे शो से पहचान मिली. उनकी पोती देविका, साल 2022 में पैदा हुई थी. निधन की खबर मिलते ही निकितिन और कृतिका को लेकर फैंस ने सोशल मीडिया पर संवेदनाएं व्यक्त कीं. कई कलाकारों ने लिखा कि “कर्ण जैसा महान कलाकार और इंसान अब नहीं रहा, पर उनकी विरासत हमेशा जिंदा रहेगी.

ऐसे शुरू हुआ था पंकज धीर का सफर

पंकज धीर ने अपने करियर की शुरुआत 1981 की फिल्म ‘पूनम’ से की थी. हालांकि फिल्म बॉक्स ऑफिस पर खास नहीं चली, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और सूखा, मेरा सुहाग, और जीवन एक संघर्ष जैसी फिल्मों में काम जारी रखा. फिर आया साल 1988, जब बी.आर. चोपड़ा की महाभारत ने उनके जीवन की दिशा ही बदल दी. उन्होंने कर्ण का किरदार इस तरह निभाया कि लोग उन्हें आज भी उसी नाम से याद करते हैं. उनका संवाद, दानवीर कर्ण कभी किसी याचक को निराश नहीं करता. भारतीय टीवी इतिहास के सबसे यादगार डायलॉग्स में गिना जाता है.

टीवी और फिल्मों में पंकज धीर का सफर

महाभारत के बाद पंकज धीर ने कई हिट टीवी शोज में काम किया, जिनमें शामिल हैं, चंद्रकांता, कानून, जी हॉरर शो और ससुराल सिमर का. वहीं फिल्मों की बात करें तो वो सनम बेवफा, बादशाह, सोल्जर, तुमको ना भूल पाएंगे जैसी हिट फिल्मों का हिस्सा रहे. उनका स्क्रीन प्रेज़ेंस हमेशा दमदार रहा, चाहे वो विलेन का रोल हो या एक संवेदनशील पिता का किरदार.

डायरेक्टर और गुरु के रूप में योगदान

अभिनय के अलावा, पंकज धीर ने निर्देशन में भी हाथ आजमाया. उन्होंने ‘My Father Godfather’ नामक फिल्म का निर्देशन किया, जिसे दर्शकों ने काफी सराहा. सिर्फ इतना ही नहीं उन्होंने ‘Abhinay Acting Academy’ नाम से एक अभिनय संस्थान भी शुरू किया, जहां नए कलाकारों को ट्रेनिंग दी जाती है. उनका मानना था कि “एक्टर बनने के लिए सिर्फ टैलेंट नहीं, अनुशासन और दृष्टिकोण भी जरूरी है. उनके कई छात्र आज टीवी और फिल्मों में सफल कलाकार बन चुके हैं.

फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर

पंकज धीर के निधन की खबर के बाद कई सेलेब्रिटीज ने सोशल मीडिया पर शोक जताया. शाहरुख खान, अजय देवगन, और सुनील शेट्टी समेत कई कलाकारों ने उनके योगदान को याद करते हुए लिखा कि, उन्होंने सिर्फ किरदार नहीं निभाए, उन्हें जिया. फिल्म इंडस्ट्री के लिए ये एक बड़ी क्षति मानी जा रही है. एक ऐसा कलाकार जिसने पर्दे पर हर बार संवेदनशीलता, गरिमा और भारतीयता का मिश्रण दिखाया.

पंकज धीर की विरासत

पंकज धीर का जाना सिर्फ एक अभिनेता की मौत नहीं, बल्कि एक संस्कृति का अध्याय खत्म होना है. उन्होंने जिस समर्पण और गरिमा के साथ अभिनय किया, वो आज के समय में दुर्लभ है. महाभारत के कर्ण से लेकर सिनेमा और टीवी के सशक्त किरदारों तक पंकज धीर ने हमें सिखाया कि सच्चा कलाकार अमर होता है, चाहे शरीर चला जाए, पर कला हमेशा जिंदा रहती है.

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