मानसून सत्र : विपक्ष की मुख्य मांगों पर चर्चा को तैयार केंद्र, PM के जवाब पर चुप्पी

प्रधानमंत्री के 23 से 26 जुलाई तक संसद में अनुपस्थित रहने की संभावना के बीच विपक्ष ने कहा कि पहलगाम, ऑपरेशन सिंदूर और बिहार SIR पर चर्चा के केंद्र के किसी भी प्रयास का विरोध किया जाएगा।;

Update: 2025-07-20 14:42 GMT

Monsoon Session : केंद्र सरकार ने संसद के मानसून सत्र (21 जुलाई से शुरू) में विपक्ष की तीन प्रमुख मांगों — पहलगाम आतंकी हमला, ऑपरेशन सिंदूर और बिहार के मतदाता सर्वे (SIR) — पर चर्चा को लेकर अपनी सहमति तो जताई है, लेकिन इन मुद्दों पर चर्चा के लिए कोई निश्चित समय सीमा तय करने से इनकार कर दिया है।


विपक्ष की मांगे क्या थीं?

रविवार (20 जुलाई) को केंद्र द्वारा बुलाई गई परंपरागत सर्वदलीय बैठक में विपक्ष — जिसमें INDIA गठबंधन और अन्य गैर-गठबंधन दल भी शामिल थे — ने एकमत से इन विषयों पर विस्तृत चर्चा की मांग की:


22 अप्रैल को हुआ पहलगाम आतंकी हमला

इसके बाद शुरू हुआ भारतीय सशस्त्र बलों का ऑपरेशन सिंदूर, और उसका रोकना — जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम की घोषणा कर दी

इसके अलावा, विपक्ष ने इस पर भी जोर दिया कि इन मुद्दों पर जवाब किसी मंत्री के बजाय स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दें


विपक्ष ने यह भी मांग की कि:

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान और उसके बाद वैश्विक मंच पर भारत की कूटनीतिक अलग-थलग पड़ने की स्थिति पर चर्चा हो

मोदी सरकार द्वारा भारत की पारंपरिक विदेश नीति से किए गए विचलन और

गाजा में इस्राइल द्वारा किए जा रहे नरसंहार पर केंद्र की चुप्पी पर चर्चा हो



केंद्र का रूख : समय तय करने से इंकार

सूत्रों के अनुसार, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष से कहा कि सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा को तैयार है, लेकिन ये तय करना कि किन मुद्दों पर कब चर्चा होगी, व्यापार सलाहकार समिति (BAC) पर निर्भर करेगा।
जब विपक्ष ने यह स्पष्ट आश्वासन मांगा कि चर्चा के समय प्रधानमंत्री संसद में उपस्थित रहेंगे, तो रिजिजू ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।


प्रधानमंत्री की रूस यात्रा और विपक्ष की नाराज़गी

प्रधानमंत्री मोदी 23 से 26 जुलाई तक रूस दौरे पर रहेंगे। विपक्ष का कहना है कि यदि सरकार इस दौरान पहलगाम, ऑपरेशन सिंदूर या बिहार SIR पर चर्चा कराना चाहेगी, तो विपक्ष इसका विरोध करेगा।
कांग्रेस के राज्यसभा में उपनेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि अगर पीएम को रूस जाना था तो संसद सत्र उनकी वापसी के बाद बुलाया जाना चाहिए था।


विपक्ष का आरोप — "गंभीरता की कमी"

प्रमोद तिवारी ने कहा,

“जब भी हम कोई गंभीर मुद्दा संसद में उठाना चाहते हैं, प्रधानमंत्री विदेश दौरे पर चले जाते हैं… हमें जवाब चाहिए कि 26 भारतीय नागरिकों की मौत का जिम्मेदार कौन है? उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ट्रंप के दबाव में पाकिस्तान से संघर्षविराम क्यों स्वीकार किया? ये राष्ट्रीय महत्व के मुद्दे हैं, जिनका जवाब सिर्फ प्रधानमंत्री को देना चाहिए।”

CPI सांसद संतोश कुमार पी. ने भी कहा कि सरकार की ओर से किए गए आश्वासन में कोई गंभीरता नहीं दिखती।

“हर सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक बुलाकर सरकार कहती है कि चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन सत्र शुरू होते ही कोई बहाना बना लेती है — कभी नियम का हवाला तो कभी विधायी एजेंडा पहले निपटाने की बात।”


सरकार का "महत्वपूर्ण विधायी एजेंडा"

सरकारी सूत्रों ने बताया कि संसद सत्र की अवधि 12 अगस्त से बढ़ाकर 21 अगस्त तक कर दी गई है और अब कुल 21 बैठकें होंगी।
सबसे अहम बिल होगा — नया आयकर विधेयक, जो अभी सेलेक्ट कमेटी में विचाराधीन है।
इसके अलावा सरकार जिन विधेयकों को पेश करना चाहती है, उनमें शामिल हैं:

कराधान कानून (संशोधन) विधेयक

जन विश्वास (संशोधन) विधेयक

राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक

खनिज एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) संशोधन विधेयक

मणिपुर वस्तु एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक


जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग

इसके साथ ही सरकार जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रक्रिया भी शुरू करना चाहती है, जिनके सरकारी आवास से एक संदिग्ध अग्निकांड के बाद भारी मात्रा में नकदी बरामद हुई थी।
किरेन रिजिजू ने बताया कि लोकसभा में 100 सांसदों के हस्ताक्षर जुटाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

लेकिन सरकार ने विपक्ष द्वारा पिछले सत्र में इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस शेखर यादव के खिलाफ दिए गए महाभियोग प्रस्ताव को आगे बढ़ाने में कोई रुचि नहीं दिखाई है।


विपक्ष किन मुद्दों पर चाहता है जवाब (Wish-List)

INDIA गठबंधन ने शनिवार (19 जुलाई) को वर्चुअल बैठक कर 8 प्रमुख मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगने का फैसला किया:

पहलगाम आतंकी हमले में खुफिया तंत्र की विफलता

ऑपरेशन सिंदूर से जुड़े सभी पहलू, खासकर ट्रंप के भारत पर दबाव बनाने का दावा

बिहार में SIR और चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल

संभावित परिसीमन प्रक्रिया

दलितों, आदिवासियों, महिलाओं और अल्पसंख्यकों पर अत्याचारों में वृद्धि

भारत की विदेश नीति, विशेषकर अमेरिका, चीन और गाजा में हो रहे नरसंहार से जुड़ी स्थिति


जम्मू-कश्मीर राज्य का दर्जा बहाली

मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर संसद सत्र में दो विधेयक लाने की मांग की:

जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने हेतु

लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची के तहत लाने हेतु

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने भी इस मांग का समर्थन करते हुए कहा कि छह साल पहले जम्मू-कश्मीर का दर्जा घटाकर केंद्र शासित प्रदेश बनाने के पीछे जो सुरक्षा कारण बताए गए थे, वे पहलगाम हमले के बाद खोखले साबित हो चुके हैं।


INDIA गठबंधन की एकजुटता की परीक्षा

संसद के इस सत्र में INDIA गठबंधन की एकता की भी परीक्षा होगी, क्योंकि पिछले दो सत्रों में अंदरूनी खींचतान और तालमेल की कमी देखने को मिली थी।
CPI महासचिव डी. राजा ने भी इस मुद्दे को उठाया। सूत्रों के अनुसार, सभी नेताओं ने माना कि आपसी तालमेल में कमी रही है और मानसून सत्र के अंत में दिल्ली में शीर्ष नेताओं की बैठक बुलाकर संयुक्त कार्यक्रमों और अभियानों के लिए ठोस योजना बनाने का फैसला किया है।


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