INS AriGhat से मिली और ताकत, चीन अब नहीं तरेर सकता आंख, जानें खासियत

न्यूक्लियर सबमरीन के मामले में अमेरिका और चीन का दबदबा है। लेकिन आईएनएस अरिहंत और अह अरिघात के जरिए भारत भी उस क्लब में शामिल हो चुका है।

By :  Lalit Rai
Update: 2024-09-01 09:19 GMT

INS Arighat:  भारत अपनी समुद्री ताकत में लगातार इजाफा कर रहा है बीते शुक्रवार को इसने परमाणु ईंधन से चलने वाले अपनी दूसरी सबमरीन यानी पनडुब्बी INS अरिघात को लॉन्च कर दिया यानी परमाणु हथियार से लैस मिसाइल दागने में सक्षम और अभियान चलाने के लिए यह सबमरीन नौसेना को सौंप दी गई। परमाणु ऊर्जा और एटामिक हथियारों को अपने साथ लेकर चलने वाली INS अरिहंत के बाद यह भारत की दूसरी न्यूक्लियर स्वदेशी पनडुब्बी है...खास बात यह है कि इसकी डिजाइन से लेकर कल-पुर्जे, तकनीक, हथियार सभी कुछ भारतीय हैं। इसके निर्माण में डिपार्टमेंट आफ एटमिक एनर्जी, डीआरडीओ के साथ सरकारी एवं निजी क्षेत्र की कंपनियों ने भी अपना योगदान दिया है। दुनिया के सबसे बड़े हथियार आयतक देश भारत के लिए यह बहुत बड़ी कामयाबी है। यह खास इसलिए भी है क्योंकि भारत उन चुनिंदा चार देशों के क्लब अमेरिका, रूस, चीन और फ्रांस के बाद पांचवां देश है जिसके पास समुद्र की गहराइयों से परमाणु मिसाइल दागने की क्षमता है भारत के पास यह क्षमता 2016 में ही आईएनएस के नौसेना में शामिल होने के बाद आ गई थी। 

यह बेजोड़ ताकत आ जाने के बाद ताकतवर दुश्मन देश  परमाणु हमला करने के बाद 100 बार सोचेगा... या उसमें इतना हौसला नहीं रहेगा कि वह आपके ऊपर परमाणु हमला करे अगर करता भी है तो उसे भी उसी की भाषा में जवाब मिलने का खतरा हमेशा बरकरार रहेगा। सबमरीन से न्यूक्लियर मिसाइल दागने की ताकत आपको बहुद हद तक सुरक्षित बना देती है। 6 हजार टन वजनी आईएनएस अरिघात भारतीय हथियारों के तरकश का ऐसा ही एक नायाब और शानदार हथियार है। पारंपरिक और डीजल से चलने वाली पनडुब्बियों से यह कई कदम आगे है।  इसकी उपयोगिता कितनी है। इसे ऐसी भी समझा जा सकता है मान लीजिए कोई दुश्मन देश जमीन और हवा से लॉन्च होने वाले आपके परमाणु हथियारों को नष्ट कर देता है...या सभी लॉन्च पैड्स तबाह कर देता है लेकिन परमाणु ईंधन से चलने वाली, एटमिक मिसाइलों और स्टील्थ फीचर्स से लैस पनडुब्बियां  यदि समुद्र की गहराइयों में महीनों से गोता लगा रही हैं। जिनके बारे में दुश्मन देश को कुछ भी जानकारी नहीं है तो वह हमेशा खौफ में रहेगा। समुद्र के किस हिस्से और कोने से उसके ऊपर परमाणु मिसाइल आ गिरेगी। इसका अंदाजा लगा पाना एक तरह से नामुमकिन है। परमाणु ईंधन से चलने वाली पनडुब्बियों की एक सबसे बड़ी खूबी यह होती है कि इन्हें ईंधन या ऑक्सीजन के लिए महीनों तक समुद्र की सतह पर आने की जरूरत नहीं होती। ये कई-कई महीनों तक जलसमाधि ले सकती हैं। 
परामाणु ईंधन से चलने वाली अरिहंत और अरिघात पनडुब्बियां दुश्मन देश चीन और पाकिस्तान के लिए बहुत बड़े डेटेरेंट का काम करेंगी अरिघात में स्वदेश निर्मित के-15 मिसाइलें लगाई जाएंगी। इनकी मारक क्षमता 700 किलोमीटर है रिपोर्टों की मानें तो अरिघात को आगे साढ़े तीन हजार किलोमीटर से ज्यादा दूरी तक मारने करने वाली परमाणु मिसाइलों से लैस किया जाएगा यानी कि चीन के अंदरूनी इलाके भारतीय पनडुब्बियों के दायरे में होंगे समुद्र में चीन की बढ़ती हरकतों और दादागिरी को देखते हुए भारत अपनी नौसेना को पहले से ज्यादा मजबूत और मारक बना रहा है। चीन कभी ताइवान को धमका रहा है तो कभी जापान को वह कभी फिलिपींस के पोत में टक्कर मार दे रहा है दक्षिण चीन सागर में कमजोर और छोटे देशों को अपनी हेकड़ी से डराने और धमकाने से भी बाज नहीं आ रहा....वह, कभी मालदीव और तो कभी श्रीलंका के बंदरगाहों पर अपने पोत भेज कर वह भारत को घेरने की कोशिश करता है उसकी इस चालबाजी का जवाब देने के लिए भारत अरिहंत क्लास की और सबमरीन बनाने के प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है।रिपोर्टों की मानें तो 7 हजार टन की दो और परमाणु पनडुब्बियां बनाई जा रही हैं। हालांकि, इनके कमीशन होने में कुछ साल लगेंगे।
एटामिक एनर्जी से चलने वाली और परमाणु हथियारों से लैस पनडुब्बियां किसी भी युद्ध का सूरत बदलने की क्षमता रखती हैं। न्यूक्लियर सबमरीन के मामले में अमेरिका अभी सबसे आगे है उसके पास ओहायो क्लास की 14 एसएसबीएन हैं....इसके अलावा उसके पास बहुत तेजी से हमला करने वाली 53 पनडुब्बियां हैं। चीन के पास 12 परमाणु पनडुब्बियां हैं और इनमें से छह परमाणु पनडुब्बियों से न्यूक्लियर हमला किया जा सकता है। भारतीय नौसेना के पास सेवा में अभी कन्वेंशनल टाइप की 16 पनडुब्बियां है। इनमें सात पनडुब्बियां किलो सिंधुघोष क्लास चार पनडुब्बियां शिशुमार क्लास और पांच कलावरी क्लास की पनडुब्बियां हैं। 
परमाणु हथियारों से चलने वाली पनडुब्बियां तीन तरह की होती हैं ऐसी पनडुब्बियां जिनमें पारंपरिक हथियार लगे होते हैं उन्हें SSN कहा जाता है दूसरी ऐसी पनडुब्बियां जो परमाणु ईंधन से तो चलती हैं। लेकिन अपने साथ कन्वेंशनल वारहेड्स के साथ गाइडेड मिसाइलें ले जाती हैं उन्हें SSGN कहा जाता है और तीसरी सबसे उन्नत और खतरनाक SSBN ये न्यूक्लियर वारहेड्स वाली बैलिस्टिक मिसाइलों से लैस होती हैं।कहना यह है कि आईएनएस अरिघात के शामिल हो जाने के बाद भारतीय नौसेना की ताकत कई गुना बढ़ गई है.... यह उपलब्धि और कामयाबी इसलिए और भी बड़ी है क्योंकि यह काफी हद तक स्वदेशी है। इसने एक बार फिर दुनिया में भारतीय वैज्ञानिकों की काबिलियत का डंका बजाया है।
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