अब पंजाब बीजेपी चीफ को मिली टूटी सीट, सिर्फ एयरलाइंस का नाम बदला

किराए के नाम पर एयरलाइंस समझौता नहीं करतीं। लेकिन सुविधा के नाम पर फिसड्डी सेवा। शिवराज सिंह चौहान के बाद अब पंजाब बीजेपी के प्रमुख ने टूटी सीट की शिकायत की है।;

By :  Lalit Rai
Update: 2025-02-24 03:49 GMT

Indigo Airlines Broken Seat: फ्लाइट में आम आदमी कहां सफर कर पाता है। जैसे तैसे अगर कोई व्यवस्था करता है तो किराए की वजह से पसीने छूट जाते हैं। लेकिन बात सिर्फ किराए की नहीं है। कोई भी एयरलाइन सुविधा के लिए चार्ज करे उसमें आपत्ति भी नहीं है। लेकिन भारी भरकम किराया चुकाने के बाद सीट टूटी मिले, खाने में काक्रोच मिले तो शिकायत करना लाजिमी है। हाल ही में एक घटना का जिक्र केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया था। उन्होंने एक्स पर लिखा था कि एयर इंडिया के विमान से वो भोपाल से दिल्ली आ रहे थे। उन्हें सीट संख्या 8सी आवंटित थी। लेकिन वो टूटी हुई थी। अब पंजाब बीजेपी के प्रमुख सुनील जाखड़ ने भी कुछ इसी तरह की शिकायत की है। हालांकि विमान एयर इंडिया नहीं बल्कि इंडिगो का है।

ऐसा लगता है कि टूटी हुई सीटें, जैसा कि श्री @ChouhanShivraj जी ने बताया है, एयर इंडिया का विशेष अधिकार क्षेत्र नहीं हैं। 27 जनवरी को इंडिगो चंडीगढ़-दिल्ली उड़ान की कुछ तस्वीरें यहां दी गई हैं, जिसमें कई सीटों पर ढीले कुशन लगे हुए हैं, जबकि नियमित रूप से फिट की गई सीटें सुरक्षा नियमों के अनुरूप नहीं हैं। केबिन क्रू ने, हमेशा की तरह विनम्र होने के बावजूद, इस बारे में कुछ भी करने में असमर्थता जताई और कहा कि मुझे कंपनी की वेबसाइट पर शिकायत करनी चाहिए। मुझे ढीले कुशन या सीटों के आराम की चिंता नहीं है। मैं इसलिए लिख रहा हूं ताकि डीजीसीए यह सुनिश्चित करे कि इन दो प्रमुख एयरलाइनों का यह 'चलता है' वाला रवैया विमान की सर्विसिंग और रखरखाव के दौरान सुरक्षा मानदंडों के पालन तक न बढ़े।

इंडिगो ने दी सफाई
सुनील जाखड़ के ट्वीट के बाद इंडिगो ने एक्स पर अपने पक्ष की बात कुछ इस तरह रखी। सर, हमारी सीटें हटाने योग्य कुशन के साथ डिज़ाइन की गई हैं, जो वेल्क्रो द्वारा सुरक्षित हैं, ताकि सफाई और रखरखाव आसान हो सके। दुर्लभ अवसरों पर, वे कभी-कभी ढीले हो सकते हैं और बेहतर आराम के लिए उन्हें फिर से लगाने की आवश्यकता हो सकती है।

हमारे लिए सुरक्षा सर्वोपरि है, और हम आपको आश्वस्त करते हैं कि समग्र सीट डिज़ाइन सुनिश्चित करता है कि सुरक्षा आवश्यकताओं के साथ कोई समझौता नहीं किया गया है। आपकी दयालु समझ के लिए धन्यवाद और हम जल्द ही फिर से आपका स्वागत करने के लिए उत्सुक हैं। टीम इंडिगो

इंडिगो एयरलाइंस ने एक तरह से तकनीकी पक्ष को अपनी सफाई के तौर पर पेश किया। लेकिन यहां सवाल है कि जब एयरलाइंस किराए के नाम पर सुख-सुविधा के नाम पर किसी तरह से समझौता नहीं करती हैं तो क्या सिर्फ एक्स पर सफाई देने या क्षमा मांग लेने से बात बननी चाहिए। नागरिक उड्डयन मंत्रालय के पास अब किसी भी एयरलाइंस को खासतौर पर एयर इंडिया को चलाने की जिम्मेदारी भी नहीं है। अब विभाग सिर्फ सुपरवाइजरी भूमिका में है, ऐसे में क्या उड्डयन मंत्रालय का नियंत्रण इस विषय में भी नहीं है। डीजीसीए जो विमान संचालन पर ध्यान देने के लिए बनाई गई है क्या वे भी अपनी भूमिका निर्वाह नहीं कर रहे, यह बड़ा सवाल है। 

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