राजनाथ सिंह की दो टूक, 'नौसेना अगर उतरती तो पाकिस्तान चार टुकड़ों में बंट जाता'
यह बयान ऐसे समय में आया है, जब भारत वैश्विक स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाने और राष्ट्रीय सुरक्षा को सर्वोपरि मानने के लिए अपने सैन्य विकल्पों को और अधिक आक्रामक ढंग से स्थापित कर रहा है।;
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को पाकिस्तान को सख्त शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि भारत के साथ आज़ादी के बाद से चला आ रहा “आतंकवाद का खतरनाक खेल” अब समाप्त हो चुका है। अगर पाकिस्तान ने भविष्य में कोई दुस्साहस किया तो उसे भारतीय नौसेना की आग की ताकत का सामना करना पड़ सकता है। गोवा के तट पर स्थित INS विक्रांत एयरक्राफ्ट कैरियर पर नौसेना के जवानों को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि हम आतंकवाद के खिलाफ वे सभी तरीके अपनाएंगे जो पाकिस्तान सोच सकता है। लेकिन हम वे भी अपनाने से नहीं हिचकेंगे, जो पाकिस्तान सोच भी नहीं सकता।
रक्षामंत्री ने कहा कि पाकिस्तान की ज़मीन से खुलेआम भारत विरोधी गतिविधियां हो रही हैं और भारत को पूरा अधिकार है कि वह आतंकियों के खिलाफ सीमा के इस पार और उस पार, यहां तक कि समुद्र में भी कार्रवाई करे। दुनिया आज भारत के इस अधिकार को स्वीकार कर रही है कि वह अपने नागरिकों की रक्षा के लिए कोई भी कदम उठा सकता है। अब कोई ताकत भारत को रोक नहीं सकती।
आतंक को जड़ से खत्म करे पाकिस्तान
राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान से कहा कि उसके हित में यही होगा कि वह अपनी ज़मीन पर पल रही आतंकवाद की नर्सरियों को जड़ से खत्म करे। पाकिस्तान चाहे तो इसकी शुरुआत हाफिज सईद और मसूद अजहर जैसे आतंकियों को भारत को सौंपकर कर सकता है। ये दोनों भारत के 'मोस्ट वांटेड' लिस्ट में हैं और संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकवादी हैं। उन्होंने यह भी कहा कि मुंबई हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा को हाल ही में भारत लाया गया है। अगर पाकिस्तान वाकई बातचीत के लिए गंभीर है तो उसे इन आतंकवादियों को सौंपकर इंसाफ का रास्ता अपनाना चाहिए।
साल 1971 के भारत-पाक युद्ध के संदर्भ में राजनाथ सिंह ने कहा कि अगर उस समय भारतीय नौसेना ने पूरी ताकत से भाग लिया होता तो पाकिस्तान दो नहीं, बल्कि चार टुकड़ों में बंट जाता। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय नौसेना की आक्रामक तैनाती ने पाकिस्तानी नौसेना को तटों तक सीमित कर दिया। हमारी नौसेना ने चुपचाप रहते हुए भी पाकिस्तान की सेना को जकड़ कर रखा था। ज़रा सोचिए, जब ऐसी ताकत बोलना शुरू करे तो क्या होगा?