भारत में ट्रैफिक चालान का रिकॉर्ड: आंकड़ा कई देशों की GDP से भी आगे, फिर भी लापरवाही जारी
traffic rule violation in india: देश की 140 करोड़ आबादी में से करीब 11 करोड़ लोगों के पास कार है. ऐसे में एक बड़ा तबका नियम तोड़ने और जुर्माना नहीं भरने का जिम्मेदार बनता है.;
traffic challan report 2024: भारत में ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन लगातार बढ़ता जा रहा है. सरकार और ट्रैफिक पुलिस नए नियम बना रही है, चालान की राशि बढ़ाई गई है, ताकि लोग नियमों का पालन करें. लेकिन एक हालिया सर्वे रिपोर्ट ने चौंकाने वाला खुलासा किया है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, साल 2024 में पूरे देश में करीब 8 करोड़ ट्रैफिक चालान जारी किए गए, जिनकी कुल रकम लगभग 12,000 करोड़ रुपये रही. यह आंकड़ा कई छोटे देशों की पूरी सालाना कमाई (GDP) से भी ज्यादा है. हैरानी की बात ये है कि इस जुर्माने में से करीब 9,000 करोड़ रुपये अभी तक बकाया हैं.
कितने लोग चलाते हैं वाहन?
देश की 140 करोड़ आबादी में से करीब 11 करोड़ लोगों के पास कार है. ऐसे में एक बड़ा तबका नियम तोड़ने और जुर्माना नहीं भरने का जिम्मेदार बनता है.
लोग ट्रैफिक नियमों को गंभीरता से क्यों नहीं लेते?
रिपोर्ट में बताया गया है कि ज्यादातर लोग नियमों का पालन डर से करते हैं, न कि सुरक्षा की भावना से. सर्वे में 1,000 लोगों से बातचीत की गई और जो नतीजे आए, वो चौंकाने वाले हैं:
- 43.9% लोग केवल तब नियम मानते हैं, जब ट्रैफिक पुलिस सामने हो.
- 31.2% लोग पहले आसपास पुलिस है या नहीं, यह जांचते हैं, फिर नियम मानते हैं.
- 17.6% लोग जुर्माने से बचने के लिए आसपास की हलचल पर नजर रखते हैं.
जब सड़क पर पुलिस दिखती है तो लोग क्या करते हैं?
- 51.3% लोग सबसे पहले अपनी स्पीड चेक करते हैं.
- 34.6% लोग तुरंत गाड़ी धीमी कर लेते हैं, चाहे उन्होंने नियम तोड़ा हो या नहीं.
- 12.9% लोग अपने ड्राइविंग स्टाइल में तुरंत बदलाव करते हैं, ताकि पकड़े न जाएं.
कैमरे के सामने कैसे बदल जाता है व्यवहार?
- 47% लोग कहते हैं कि कैमरे हो या न हों, उनका गाड़ी चलाने का तरीका एक जैसा रहता है.
- 36.8% लोग तभी धीमा चलते हैं, जब उन्हें कैमरा दिखता है.
- 15.3% लोग सिर्फ कैमरे की वजह से स्पीड कम करते हैं, बाकियों की परवाह नहीं करते.
सबसे ज्यादा कौन से नियम तोड़े जाते हैं?
- तेज रफ्तार (Overspeeding)- 49%
- हेलमेट/सीटबेल्ट न पहनना- 19% |
- गलत पार्किंग- 14%
- सिग्नल तोड़ना/गलत दिशा से चलाना- 18%
चालान
हरियाणा: एक ट्रक पर 18 टन से ज्यादा सामान लादने पर 2 लाख रुपये का जुर्माना.
बेंगलुरु: एक स्कूटर चालक पर 475 बार नियम तोड़ने के लिए 2.91 लाख रुपये का चालान.
गुरुग्राम: हर दिन औसतन 4,500 चालान, जिनसे रोजाना करीब 10 लाख रुपये की वसूली.
नोएडा: सिर्फ हेलमेट उल्लंघन पर एक महीने में 3 लाख रुपये का जुर्माना.
लोग चालान क्यों नहीं भरते?
रिपोर्ट में ट्रैफिक उल्लंघन के 3 मुख्य कारण बताए गए हैं:-
1. लोग मानते हैं कि चालान सिर्फ थोड़ी असुविधा है, कोई बड़ा खतरा नहीं.
2. 60.3% लोग सोचते हैं कि वो नियमों का पालन कर रहे हैं. लेकिन 20.4% लोग कहते हैं कि जुर्माना दोगुना होने पर भी वो जोखिम उठाएंगे.
3. 14.2% लोग मानते हैं कि वो चालान से बचने के लिए ट्रैफिक पुलिस से बातचीत करते हैं – यानी रिश्वत या 'समझौता'.
रिश्वत पर भी चौंकाने वाली जानकारी
- 38.5% लोगों ने माना कि उन्होंने 1–2 बार ट्रैफिक पुलिस को रिश्वत दी है.
- 15.9% लोग अक्सर ऐसा करते हैं.
- 29.2% लोग कहते हैं कि वो हमेशा चालान भरते हैं.
दो या चार पहिया – कौन ज्यादा नियम तोड़ता है?
- 55% नियमों का उल्लंघन चारपहिया वाहन चालक करते हैं.
- 45% उल्लंघन दोपहिया चालकों द्वारा किया जाता है.
क्या कहती है ये रिपोर्ट?
इस रिपोर्ट से साफ है कि लोग ट्रैफिक नियमों को गंभीरता से नहीं लेते. 2024 में 12,000 करोड़ रुपये के चालान जारी हुए. लेकिन 75% जुर्माना अब भी नहीं भरा गया है. इसका मतलब है कि लोग या तो नियमों से बचने के रास्ते तलाशते हैं या उन्हें जरूरी नहीं मानते. यह रिपोर्ट देश की कानून व्यवस्था, ट्रैफिक पुलिस की क्षमता और आम नागरिकों की ज़िम्मेदारी पर कई सवाल खड़े करती है.
कुछ छोटे देशों की GDP
वानूआतू- ₹9,568 करोड़
समोआ- ₹8,013 करोड़
डोमिनिका- ₹5,578 करोड़
पलाउ- ₹2,400 करोड़
किरिबाती- ₹2,383 करोड़
यानी भारत में ट्रैफिक चालान की राशि कुछ देशों की पूरी अर्थव्यवस्था से भी ज्यादा है.