तनाव घटाने वाले ये फूड असल में तनाव बढ़ाते हैं, जानें पूरी बात
खाने-पीने की जिन चीजों को तनाव कम करने वाला माना जाता है, वे तुरंत राहत मिलने का अनुभव जरूर कराते हैं लेकिन असल में ये इनडायरेक्ट तरीके से तनाव बढ़ाते हैं...;
Stress Free: स्ट्रेस होने पर या लो फील करने पर ज्यादातर लोग जिन फूड्स का सेवन करते हैं ताकि तुरंत मूड बूस्ट हो सके इनमें, कॉफी, हाई शुगर और सॉल्टी फूड्स शामिल हैं। फिर इनके नाम पिज्जा, बर्गर से लेकर चिप्स और पेस्ट्री तक कुछ भी हो सकते हैं। अब आपके मन में प्रश्न आ रहा होगा कि ये फूड्स फैट बढ़ाते हैं ये तो पता था लेकिन ये स्ट्रेस भी बढ़ाते हैं, ये कैसे हो सकता है... तो आइए आज इसी पर बात करते हैं...
सबसे पहले कैफीन की बात
थकान होने पर या तनाव होने पर हममें से ज्यादातर लोग चाय या कॉफी लेन पसंद करते हैं। इसमें कोई शक भी नहीं है कि इन्हें लेने से तुरंत राहत भी फील होती है। इस राहत के पीछे थोड़ा कमाल कैफीन का होता है और थोड़ा हमारी साइकॉलजी का। क्योंकि हम बचपन से सुनते आ रहे हैं कि चाय पीने से थकान दूर होती है।
चाय और कॉफी कैफीन होता है। ये ब्लड सर्कुलेशन को तेजी से बढ़ाता है, जिससे इन्हें पीने के बाद हमें ताजगी महसूस होती है। लेकिन दिन में 2-3 कप से ज्यादा चाय या कॉफी लेने से शरीर में कॉर्टिसोल नाम के स्ट्रेस हॉर्मोन का स्तर बढ़ सकता है। जो आपकी नींद गुणवत्ता यानी गहरी नींद आना और पाचन (डायजेशन) को गड़बड़ा देता है। और फिर ये दोनों ही समस्याएं आपके स्ट्रेस लेवल के बढ़ने का कारण बनती हैं।
तला हुआ भोजन (फ्राइड फूड्स)
पूड़ी, मट्ठी, फ्रेंच फ्राइज, फ्राइड चिकन जैसे फ्राइड फूड्स में बैड फैट की मात्रा बहुत ज्यादा होती है. इन्हें अक्सर खाने से शरीर में सूजन और ब्लड शुगर लेवल में उतार-चढ़ाव हो सकता है, जिससे कोर्टिसोल बढ़ जाता है. और एक बार फिर वही, तनाव बढ़ने का चक्र शुरू होता है।
वाइन और एल्कोहॉल
तनाव है, अकेलापन लग रहा है या दिल टूट गया है, इन स्थितियों से भागकर ज्यादातर लोग शराब की शरण में जाते हैं, इनमें भी विशेषरूप से बॉयज। तो जान लीजिए कि एल्कोहॉल का सेवन बॉडी में कॉर्टिसोल के स्तर को बढ़ाने वाला होता है, जो नींद और भूख के पैटर्न को डिस्टर्ब करता है। इससे तनाव और अकेलेपन की फीलिंग कहीं ज्यादा बढ़ जाती है।
अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स
सॉफ्ट ड्रिंक्स, केन में मिलने वाले सो-कॉल्ड फ्रूट जूस, पैकेज्ड स्नैक्स, मीठे अनाज और फास्ट फूड में एक्सट्रा चीनी, फैट्स और रिफाइंड कार्ब्स होते हैं। इन्हें पीने और खाने के बाद तुरंत ऐसी फीलिंग आती है कि बस जीवन में यही तो चाहिए... लेकिन ये फीलिंग बस कुछ देर की होती है। इसके बाद शरीर के अंदर को समस्याओं की जो सुनामी आती है, वो शरीर में सूजन भी बढ़ाती है और कॉर्टिसोल का लेवल भी।
अधिक मीठा खाना
तनाव होने पर मीठा खाना या थकान होने पर मीठा खाना तुरंत आराम देने वाला होता है। लेकिन आप जिस मात्रा में इसे खा रहे हैं, उसका ध्यान रखें। क्योंकि ये ब्लड शुगर लेवल को तेजी से बढ़ाता है, जो इनडायरेक्ट तरीके से कॉर्टिसोल के स्तर को बढ़ाता है।
हालांकि कुछ जगहों पर मीठा खाना बहुत लाभकारी होता है। जैसे, जब बहुत तेज भूख लगी हो तो आप खाने से पहले थोड़ा-सा मीठा खा लीजिए। ये आपको डबल लाभ देगा। स्वीट क्रेविंग भी शांत रहेगी और बॉडी को एनर्जी भी मिलेगी।
डिसक्लेमर- यह आर्टिकल जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी सलाह को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श करें।