डियर क्रिकेट एक मौका और दे दो, क्रिकेटर करुन नायर ने ऐसा क्यों कहा था

Karun Nair ने 8 साल पहले इंटरनेशनल मैच खेला था। उसके बाद मौका नहीं मिला। साल 2022 में उन्होंने ट्विटर पर मार्मिक अपील की थी। अब जाकर चयनकर्ताओं की नजर पड़ी है।;

By :  Lalit Rai
Update: 2025-01-13 06:10 GMT

Karun Nair Story: तीन साल पहले साल 2022, करुन नायर ट्वीट कर मार्मिक अपील करते हैं, अपील के शब्द कुछ इस तरह हैं डियर क्रिकेट, एक बार और मुझे मौका दो। तीन साल बाद उनकी हसरत पूरी होते हुए नजर आ रही है। टीम इंडिया के सलेक्शन कमेटी की नजर अब उन पर इनायत हुई है। 2022 में करुन पूरी तरह हताश हो चुके थे। उन्हें लगा कि उनका क्रिकेट करियर का द एंड हो चुका है। अब जब नायर पर चयन समिति की नजर पड़ी है तो उसे भारतीय क्रिकेट इतिहास का रोचक क्षण बताया जा रहा है। चेन्नई में इंग्लैंड के खिलाफ उन्होंने 303 रन बनाए थे। लेकिन टीम इंडिया का ध्यान उन पर नहीं गहया। लेकिन अब विजय हजारे ट्रॉफी में उनके शानदार खेल ने अजीत आगरकर का ध्यान खींचा।


विजय हजारे ट्रॉफी एक घरेलू 50 ओवर की प्रतियोगिता है इसमें पिछली 6 पारियों में नायर ने 112*, 44*, 163*, 111*, 112*, 122* के कुल स्कोर बनाए हैं। टूर्नामेंट के इस संस्करण में वे अभी तक आउट नहीं हुए हैं, उन्होंने बिना आउट हुए 600 से ज्यादा रन बनाए हैं।बल्लेबाजी में उनके शानदार प्रदर्शन ने उन्हें लिस्ट ए क्रिकेट के इतिहास में बिना आउट हुए सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाजों की सूची में भी शीर्ष पर पहुंचा दिया। वे तमिलनाडु के नारायण जगदीसन के बाद टूर्नामेंट के एक संस्करण में पाँच शतक बनाने वाले दूसरे बल्लेबाज़ भी हैं। अब तक, लिस्ट ए क्रिकेट में सिर्फ़ तीन बल्लेबाज़ ही लगातार चार शतक बना पाए हैं, जिनमें से एक नायर भी हैं।

राजस्थान के खिलाफ विदर्भ के लिए नाबाद 122 रन और ध्रुव शौरी (नाबाद 118) के साथ 200 रनों की अटूट साझेदारी के बारे में इंडियन एक्सप्रेस को बताते हुए नायर ने कहा कि जब वह ट्वीट किया था, तो वह  भावुक पल था। छह-सात महीनों तक जब कोई क्रिकेट नहीं खेला, तो सिर्फ नेट सेशन के लिए दिन में तीन घंटे यात्रा करता था। उनके पास कोई दूसरा विकल्प नहीं था। किसी भी प्रारूप के लिए नहीं चुना गया और वो उस समय बहुत भावुक थे। उन्हें आगे बढ़ना था और खुद पर काम करना था। आगे बढ़ना आसान नहीं था इससे उबरने के लिए कुछ महीनों की ज़रूरत थी और फिर अपने कौशल और मानसिकता का अभ्यास करना शुरू करना था। मैं कहूंगा, मैं बस खुद को तैयार कर रहा था ताकि जब मुझे दूसरा मौका मिले, तो वो किसी को मुझे बाहर करने का बहाना न दें। इसके लिए  रन बनाने और लगातार अच्छा प्रदर्शन करने की जरूरत थी। इस वजह से वो खुद को खेल में वापस लाने के लिए कड़ी मेहनत की।

अख़बार में कहा गया है कि नायर को सबसे लंबे प्रारूप के लिए चुना जा रहा है क्योंकि विराट कोहली और रोहित शर्मा लाल गेंद वाले क्रिकेट में अपने करियर के अंत के करीब हैं।अख़बार ने कहा, "जब भारत संक्रमण के दौर में प्रवेश कर रहा है, जब सीनियर रोहित शर्मा और विराट कोहली टेस्ट में संघर्ष कर रहे हैं, तो करुण एक ऐसा खिलाड़ी है जिस पर चयनकर्ता गहरी दिलचस्पी से नज़र रख रहे हैं।" कुछ समय पहले तक नायर को खेलने के लिए टीम नहीं मिल पा रही थी। ऐसे में भारत के पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी और मौजूदा बीसीसीआई जीएम अबे कुरुविला ने उनकी मदद की।

नायर कहते हैं कि अंडर-19 दिनों में वे मेरे चयनकर्ता थे और मुझे उनके पास जाकर यह कहने की आज़ादी थी कि 'सर, मैं खेलने के लिए टीम ढूंढ रहा हूँ, क्या आप कृपया मदद कर सकते हैं। इस तरह मैं विदर्भ में चला गया। वो उनका और विदर्भ एसोसिएशन का बहुत आभारी हूं क्योंकि  बस एक अवसर की तलाश में था और जब वह आया, तो उसे लपक लेना चाहता था। हर कोई अपने देश के लिए खेलना चाहता है और मैं भी इससे अलग नहीं हूं। फिर से टेस्ट मैच खेलना पसंद करूँगा और इसके लिए मुझे पता है कि मुझे बार-बार अपना काम करते रहना होगा। 

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