सेंथिल बालाजी को सुप्रीम कोर्ट का अल्टीमेटम, तमिलनाडु में कैबिनेट फेरबदल तय

सुप्रीम कोर्ट की सख्ती ने डीएमके को मुश्किल स्थिति में डाल दिया है। बालाजी का इस्तीफा लगभग तय है। लेकिन उनके विभागों को किसे सौंपा जाए, इस पर पार्टी में विचार-विमर्श जारी है।;

Update: 2025-04-26 04:53 GMT

तमिलनाडु में आने वाले दिनों में कैबिनेट फेरबदल की संभावना है। इसकी वजह डीएमके सरकार पर बढ़ता कानूनी और राजनीतिक दबाव है। राज्य के बिजली, शराबबंदी और आबकारी मंत्री वी. सेंथिल बालाजी को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ सकता है। क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने 23 अप्रैल को आदेश दिया कि बालाजी को 28 अप्रैल तक तय करना होगा कि वे मंत्री पद पर रहना चाहते हैं या अपनी ज़मानत बचाना।

बालाजी पर ‘नौकरी के बदले पैसे’ घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। इस मामले में वह 2023 से एक साल से ज्यादा जेल में रहे और 26 सितंबर 2024 को उन्हें जमानत मिली थी। लेकिन मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने उन्हें 29 सितंबर 2024 को दोबारा मंत्री बना दिया, जिससे सुप्रीम कोर्ट ने नाराज़गी जताई। जस्टिस अभय एस. ओका और ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह ने इसे "पूरी तरह से बेईमानी" बताया और कहा कि बालाजी मंत्री पद पर रहते हुए गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं।

संगठन में भूमिका

पार्टी सूत्रों के मुताबिक, डीएमके हाईकमान ने एक वरिष्ठ वकील की सलाह पर बालाजी को इस्तीफा देने को कहा है। हालांकि, पार्टी उन्हें पूरी तरह से अलग नहीं करना चाहती और कोगू क्षेत्र (पश्चिम तमिलनाडु) का प्रभारी बनाने की योजना है। ऐसा ही कदम पूर्व मुख्यमंत्री करुणानिधि ने अपने बेटे एमके अलागिरी के लिए उठाया था।

अन्य मंत्रियों पर भी सवाल

फेरबदल की अटकलों के बीच यह भी बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री स्टालिन वन मंत्री के. पोनमुडी** को भी हटा सकते हैं। उन पर अदालत ने भड़काऊ भाषण को लेकर सवाल उठाए हैं। वहीं, जब बालाजी को 2023 में ईडी ने गिरफ्तार किया था, तब उनके विभाग बिजली का काम वित्त मंत्री थंगम तेनारासु को और शराबबंदी व आबकारी विभाग एस. मुथुसामी को सौंपा गया था। लेकिन पार्टी सूत्रों के अनुसार, इस बार ऐसा अस्थायी प्रबंधन नहीं होगा। क्योंकि ईडी की जांच का डर बना हुआ है।

आबकारी विभाग अब ‘लाभकारी’ नहीं

कभी "कमाई वाला" विभाग माने जाने वाला TASMAC (शराब बिक्री विभाग) अब नेताओं के लिए परेशानी का कारण बन गया है। ईडी जांच की आशंका के कारण कोई भी मंत्री इस विभाग को लेने में रुचि नहीं दिखा रहा। थंगम तेनारासु भी बिजली विभाग दोबारा संभालने को तैयार नहीं हैं। क्योंकि यह विभाग काफी चुनौतीपूर्ण है। अब माना जा रहा है कि PTR पलानीवेल त्यागराजन या आई. पेरियासामी को बिजली या वन विभाग मिल सकता है। शराबबंदी और आबकारी विभाग की जिम्मेदारी मुथुसामी या वेल्लाक्कोविल स्वामीनाथन को दी जा सकती है।

कैबिनेट फेरबदल

सूत्रों के मुताबिक, राज्यपाल आरएन रवि फिलहाल ऊटी में हैं। इसलिए नए मंत्रियों को शपथ दिलाना अभी मुमकिन नहीं है। इसके अलावा राज्य विधानसभा सत्र 29 अप्रैल को खत्म हो रहा है। ऐसे में फिलहाल सरकार बड़े फेरबदल की बजाय छोटे-छोटे बदलाव ही करेगी।

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