पंजाब में आप सरकार पर संकट ! कांग्रेस नेता बाजवा ने फिर किया दावा

प्रताप सिंह बाजवा ने फिर ये दावा किया है कि आप के 32 विधायक उनके संपर्क में हैं और कई विधायक भाजपा के संपर्क में हैं। लेकिन कांग्रेस चाहती है आप सरका अपना कार्यकाल पूरा करे।;

Update: 2025-02-24 13:30 GMT

Crisis In Punjab's AAP Government: पंजाब में आप की भगवंत मान सरकार को लेकर एक बार फिर कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने बड़ा बयान दिया है। NDTV से की बातचीत में बाजवा ने एक बार ये दावा किया है कि आप के 32 विधायक उनके संपर्क में हैं और कई अन्य विधायक भाजपा के संपर्क में हैं। हालाँकि बाजवा ने कहा कि कांग्रेस आप सरकार को अस्थिर नहीं करना चाहती लेकिन भाजपा ऐसा करेगी। बाजवा ने और भी कई दावे किये हैं। वहीँ आप की तरफ से बाजवा के इन दावों को न केवल ख़ारिज किया गया है बल्कि ये भी दावा किया कि बाजवा खुद भाजपा में शामिल होने जा रहे हैं और इसी वजह वो हाल ही में बेंगलुरु भाजपा के वरिष्ठ नेता से मुलाकात करके आये हैं।

कांग्रेस चाहती है आप सरकार 5 साल पूरे करे

बाजवा ने दावा किया कि कांग्रेस के लिए यह स्पष्ट है कि हम किसी भी परिस्थिति में इस सरकार को अस्थिर नहीं करेंगे।" उनके अनुसार, पंजाब में केवल विधायक ही नहीं, बल्कि मंत्री और अन्य बड़े नेता भी सरकार के खिलाफ अपनी असंतुष्टि व्यक्त कर रहे हैं।

कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी चाहती है कि AAP सरकार अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करे, ताकि लोग खुद देख सकें कि उन्हें किस तरह की सरकार का चुनाव करना पड़ा। साथ ही, बाजवा ने आरोप लगाया कि AAP के नेतृत्व में पंजाब में हजारों करोड़ रुपये हवालाचैनल के जरिए विदेशों, विशेषकर ऑस्ट्रेलिया और अन्य राज्यों में भेजे गए हैं। उनका कहना था कि यह पैसा शराब और ज़मीन के उपयोग में बदलाव से प्राप्त हुआ है।

AAP ने आरोपों का दिया जवाब

AAP ने इस आरोपों का जवाब देते हुए प्रताप बाजवा पर बीजेपी में शामिल होने की कोशिश करने का आरोप लगाया। AAP नेता नील गर्ग ने कहा, "प्रताप बाजवा पहले ही बीजेपी में अपनी टिकट सुनिश्चित कर चुके हैं। वह बेंगलुरु में बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं से मिल चुके हैं। राहुल गांधी को बाजवा पर नजर रखनी चाहिए।"

सरकार के खिलाफ बढ़ते दबाव के बीच भ्रष्टाचार विरोधी अभियान

इस बीच, पंजाब सरकार पर विपक्षी दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है, विशेष रूप से दिल्ली में AAP की हालिया हार के बाद। भगवंत मान की सरकार ने अपने चुनावी वादे के अनुसार भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़े कदम उठाए हैं। पिछले सप्ताह, राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार के आरोपों में 52 पुलिस अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया, जिनमें कांस्टेबल से लेकर निरीक्षक तक शामिल थे।

इस कार्रवाई में 1993 बैच के आईपीएस अधिकारी वरिंदर कुमार को उनके पद से हटा दिया गया और उन्हें पुलिस प्रमुख के पास रिपोर्ट करने का आदेश दिया गया। श्री मुक्तसर साहिब के उप जिलाधिकारी राजेश त्रिपाठी, जो 2016 बैच के आईएएस अधिकारी हैं, को भी निलंबित किया गया और उनके खिलाफ विजिलेंस विभाग द्वारा जांच शुरू कर दी गई।


अंतरराज्यीय भ्रष्टाचार का आरोप

प्रताप सिंह बाजवा ने आरोप लगाया कि AAP सरकार के तहत अंतरराज्यीय भ्रष्टाचार बढ़ा है। उनका कहना था कि पंजाब में शराब और भूमि के उपयोग में बदलाव से जुड़े भ्रष्टाचार के मामलों में हजारों करोड़ रुपये हवालाचैनल के माध्यम से विदेश भेजे गए हैं।

कुल मिलाकर, पंजाब की राजनीति में इन घटनाओं के बाद एक नया मोड़ आ सकता है, क्योंकि विपक्षी दलों का दबाव सरकार पर लगातार बढ़ता जा रहा है, और कांग्रेस की ओर से आरोपों और प्रतिक्रियाओं के बाद राजनीतिक माहौल में गहमागहमी बनी हुई है।


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