पुरानी गाड़ी बेची, अब दोगुना खर्च: लोग बोले, ‘आठ दिन में सबकुछ बदल गया’

Delhi Vehicle Policy: पर्यावरण प्रेमियों का मानना है कि सिर्फ गाड़ियों पर रोक लगाना हल नहीं है. इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना और प्रदूषण जांच को कड़ा करना ज़्यादा बेहतर उपाय है.;

Update: 2025-07-09 07:56 GMT

Diesel Petrol Vehicle Ban: आपने मेहनत से कमाई बचाकर एक कार खरीदी और एक दिन अचानक सरकार कहे कि अब ये गाड़ी सड़क पर नहीं चलेगी तो दिल को ठेस पहुंचना लाजिमी है! दिल्ली में ऐसा ही हुआ है हजारों लोगों के साथ. 10 साल पुरानी डीजल और 15 साल पुरानी पेट्रोल गाड़ियां अचानक "अवैध" घोषित कर दी गईं. ऐसे में कई लोग अपनी गाड़ियां बेहद कम कीमत पर बेचने को मजबूर हो गए. वहीं, कुछ व्यापारियों ने डर के मारे माल ढोना बंद कर दिया. फिलहाल सरकार ने फैसले पर रोक तो लगा दी है. लेकिन ये राहत महज 4 महीने की है. यह बैन 1 नवंबर 2025 से फिर से लागू हो जाएगा और इस बार पूरा एनसीआर इसके दायरे में होगा.

कैसे लागू हुआ था बैन?

दिल्ली में कई पेट्रोल पंपों पर कैमरे (ANPR) लगाए गए थे, जो पुरानी नंबर प्लेट देखकर गाड़ी की उम्र पहचान लेते हैं। इस तकनीक के जरिए कई गाड़ियों को पहचान कर जब्त किया गया और चालान काटे गए. इससे लोगों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ और उन्हें मजबूरी में गाड़ियां बेचनी पड़ीं. लोगों कहना था कि उनकी डीजल गाड़ी बस 7000 किलोमीटर चली थी. लेकिन गाड़ी जब्त होने के डर से 50,000 रुपये में बेचनी पड़ी. सरकार को पहले लोगों की जरूरत समझनी चाहिए थी. किसी ने कहा कि उनकी 12 साल पुरानी डीजल गाडी ही सबकुछ थी. 2 जुलाई को मजबूरी में 30,000 में बेचनी पड़ी. अब किराए की गाड़ी से सामान ढो रहे हैं, जिससे खर्च दोगुना हो गया है.

पर्यावरण प्रेमियों का मानना है कि सिर्फ गाड़ियों पर रोक लगाना हल नहीं है. इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना और प्रदूषण जांच को कड़ा करना ज़्यादा बेहतर उपाय है. वहीं, भाजपा दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आरोप लगाया कि केजरीवाल सरकार ने कभी जनता को न्याय दिलाने की कोशिश नहीं की. उन्होंने कहा कि भाजपा अब अदालत जाएगी, लेकिन आम आदमी पार्टी इसे "नाटक" बता रही है.

आप का पलटवार

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने कहा कि अगर भाजपा जनता की मदद करना चाहती है तो कोर्ट की बजाय विधानसभा में कानून लाए. उन्होंने कहा कि आप इसका समर्थन करेगी. अगर भाजपा एक हफ्ते में कानून नहीं लाती है तो साफ हो जाएगा कि उनकी मिलीभगत वाहन निर्माताओं और स्क्रैप डीलरों से है.

Tags:    

Similar News