शिक्षक से गांव का सरपंच, विधायक, फिर मुख्यमंत्री, वॉचमैन के बेटे की कहानी

मोहन चरण माझी की बात करें तो बेहद ही गरीब परिवार से आते हैं, जो आरएसएस से जुड़े रहे हैं. आइये जानते हैं उनके जीवन के बारे में कि कैसे एक वाचमेन का बेटा, कैसे एक शिक्षक से ओडिशा प्रदेश का मुख्यमंत्री बन गया.

Update: 2024-06-11 16:54 GMT

CM Mohancharan Majhi: ओडिशा के नए मुख्यमंत्री के नाम पर मोहर लग चुकी है. जो नाम सामने आया है, वो है मोहन चरण माझी. माझी अनुसूचित जनजाति से आते हैं. मोहन चरण माझी चार बार के विधायक हैं. मोहन चरण माझी का जन्म 6 जनवरी 1972 को ओडिशा के क्योंझर में हुआ. मोहन माझी क्योंझर जिले के झोपुड़ा ब्लॉक के रायकोड़ा गांव के रहने वाले हैं. मोहन चरण माझी की पत्नी का नाम डॉ प्रियंका मरांडी है. मोहन चरण माझी की बात करें तो बेहद ही गरीब परिवार से आते हैं, जो आरएसएस से जुड़े रहे हैं. आइये जानते हैं उनके जीवन के बारे में कि कैसे एक वाचमेन का बेटा, कैसे एक शिक्षक से ओडिशा प्रदेश का मुख्यमंत्री बन गया.

मोहन चरण माझी के पिता वाचमैन का काम करते थे. माझी ने अपने करियर की शुरुआत शिशु विद्या मंदिर में बतौर शिक्षक के तौर पर की. ओडिशा में मिशनरीज द्वारा आदिवासियों के धर्म परिवर्तन का मुद्दा काफी बड़ा रहाहै. मोहन माझी कन्वर्जन के खिलाफ क्योंझर और मयूरभंज जिले में सबसे बड़ा चेहरा रहे हैं, यही वजह है कि आदिवासी समुदाय में उनकी एक अलग ही पहचान है.

सरपंच से मुख्यमंत्री तक का राजनितिक सफ़र

मोहन चरण माझी ने अपने राजनीतिक करियर की शुरूआत 1997 से बतौर सरपंच शुरू की थी. वो सन 2000 तक सरपंच रहे. इसके बाद उन्होंने साल 2000 में पहली बार विधायक का चुनाव लड़ा और जीत गए. बीजेपी ने उन्हें प्रदेश आदिवासी मोर्चा का सचिव नियुक्त किया. इसके अलावा उन्हें राज्य के एसटी मोर्चा के महासचिव के तौर पर भी नियुक्त किया गया. माझी साल 2005 से 2009 तक सरकारी उप मुख्य सचेतक भी रहे.

ओडिशा के 15वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे मोहन चरण माझी

मोहन चरण माझी ओडिशा के 15वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेंगे. इसे महज सहयोग कहेंगे कि साल 2000 में जब नवीन पटनायक प्रदेश के मुख्यमंत्री बने तो मोहन चरण माझी पहली बार विधायक बने थे. अब 24 साल बाद जब नवीन पटनायक का राज ओडिशा से समाप्त हुआ है तो मोहन चरण माझी बतौर मुख्यमंत्री उन्हें रिप्लेस कर रहे हैं.

देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के समुदाय से ही आते हैं मोहन चरण माझी

मोहन चरण माझी भी उसी समुदाय से आते हैं, जिससे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आती हैं. माझी भी संथाल आदिवासी समुदाय के हैं. वो लगातार मिसोंरिएस के आदिवासियों के धर्मं परिवर्तन कराने का विरोध करते रहे हैं.

बीजेपी के समर्थन से सत्ता में आई बीजेडी को 24 साल बाद बीजेपी ने ही उखाड़ा

ओडिशा प्रदेश में नवीन पटनायक की सरकार 5 मार्च 2000 को पहली बार बनी थी, जिसमें नवीन पर्नायक ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. उस समय बीजू जनता दल का समर्थन बीजेपी ने ही किया था. बीजेपी और बीजेडी के बीच ओडिशा में 2000 और 2004 में गठित सरकार में भी रहा था, लेकिन 2009 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी और बीजेडी अलग हो गए थे. अब बीजेपी ने बीजेडी को ओडिशा की सत्ता से बहार कर दिया था.

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