हेमा समिति के समक्ष गवाही देने वाली महिलाओं की निजता बनायीं जाये : डब्ल्यूसीसी
डब्ल्यूसीसी सदस्यों ने हेमा समिति के समक्ष गवाही देने वाली महिलाओं की सुरक्षा और गोपनीयता पर पिनाराई विजयन के समक्ष अपनी चिंता व्यक्त की;
By : Abhishek Rawat
Update: 2024-09-11 11:27 GMT
Hema Committee Fallout: केरल उच्च न्यायालय द्वारा केरल सरकार को हेमा समिति की रिपोर्ट को वर्षों तक दबाए रखने के लिए फटकार लगाने के एक दिन बाद, बुधवार को वीमेन इन सिनेमा कलेक्टिव (डब्ल्यूसीसी) के प्रतिनिधियों ने केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन से मुलाकात की और न्यायमूर्ति के. हेमा समिति की रिपोर्ट में विस्फोटक खुलासे पर बढ़ते विवादों के बीच चर्चा की. रिपोर्ट में फिल्म उद्योग में महिलाओं के कथित शोषण और दुर्व्यवहार पर प्रकाश डाला गया है.
तिरुवनंतपुरम में सचिवालय स्थित मुख्यमंत्री के कार्यालय में उनसे मिलने वालों में प्रसिद्ध अभिनेत्री रेवती और रीमा कलिंगल, पटकथा लेखक दीदी दामोदरन और संपादक बीना पॉल वेणुगोपाल शामिल थे. मुलाकात के बाद रेवती ने संवाददाताओं को बताया कि डब्ल्यूसीसी ने हेमा समिति के समक्ष गवाही देने वाली महिलाओं की सुरक्षा पर चिंता व्यक्त की है. न्यायमूर्ति हेमा समिति ने मलयालम फिल्म उद्योग में महिलाओं की कामकाजी परिस्थितियों का अध्ययन किया था.
शिकायतकर्ता महिलाओं की गोपनीयता बरकरार रखने की अपील की
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार रेवती ने कहा, "हमने मुख्यमंत्री से समिति के समक्ष उपस्थित महिलाओं की गोपनीयता और सुरक्षा के लिए कार्रवाई करने का अनुरोध किया. इन महिलाओं का विवरण सार्वजनिक नहीं किया जाना चाहिए, हमने मुख्यमंत्री से संपर्क किया क्योंकि हम वास्तव में उनकी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं."
हाई कोर्ट ने हेमा कमिटी की रिपोर्ट एसआईटी को देने का दिया निर्देश
केरल उच्च न्यायालय ने आज राज्य सरकार को न्यायमूर्ति हेमा समिति की रिपोर्ट का असंपादित संस्करण विशेष जांच दल (एसआईटी) को सौंपने का निर्देश दिया, जिसमें मलयालम फिल्म उद्योग में बड़े पैमाने पर यौन उत्पीड़न का खुलासा किया गया है. 2019 में राज्य को सौंपी गई रिपोर्ट में सिनेमा में महिलाओं द्वारा सामना किए जाने वाले अन्य मुद्दों का भी खुलासा किया गया, जैसे लैंगिक भेदभाव, कार्यस्थल पर सुरक्षा की कमी, अपर्याप्त बुनियादी सुविधाएं, वेतन असमानता आदि. डीजीपी को फरवरी 2021 में रिपोर्ट की एक प्रति दी गई थी.
बाद में कलिंगल ने पत्रकारों को बताया कि वे उद्योग जगत के सभी हितधारकों को एक साथ लाना चाहते हैं. हालांकि, वे और WCC के अन्य सदस्य सीएम के साथ अपनी बैठक के बारे में कोई अन्य विवरण बताने से हिचक रहे थे. महत्वपूर्ण बात यह है कि डब्ल्यूसीसी के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात ऐसे समय में की है जब एक दिन पहले ही केरल उच्च न्यायालय ने राज्य की वामपंथी सरकार को फटकार लगाई थी और कहा था कि न्यायमूर्ति के. हेमा समिति की रिपोर्ट पर राज्य सरकार की निष्क्रियता "खतरनाक रूप से सुस्त" है.
चार साल तक चुप रही सरकार
न्यायमूर्ति ए.के. जयशंकरन नांबियार और न्यायमूर्ति सी.एस. सुधा की विशेष खंडपीठ ने मंगलवार को कहा कि सरकार को यह रिपोर्ट चार साल पहले मिली थी और उसे तुरंत जवाब देना चाहिए था. पीठ ने निर्देश दिया कि पूरी रिपोर्ट विशेष जांच दल (एसआईटी) को सौंपी जाए ताकि कानून के अनुसार आवश्यक कार्रवाई की जा सके. न्यायमूर्ति के हेमा समिति का गठन केरल सरकार ने 2017 के अभिनेत्री हमला मामले और इसकी रिपोर्ट में मलयालम सिनेमा उद्योग में महिलाओं के उत्पीड़न और शोषण के मामलों का खुलासा करने के बाद किया था. रिपोर्ट के सार्वजनिक होने के बाद कई अभिनेताओं और निर्देशकों के खिलाफ यौन उत्पीड़न और शोषण के आरोप सामने आने के बाद, राज्य सरकार ने 25 अगस्त को उनकी जांच के लिए सात सदस्यीय विशेष जांच दल के गठन की घोषणा की.
(एजेंसियों से प्राप्त इनपुट के साथ)