पहले ये देखो आपकी 'लक्ष्मी' सेफ है या नहीं, छलका दर्द और ममता पर उठे सवाल
कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में डॉक्टर के साथ रेप और मर्डर केस के बाद मृतक की मां ने ममता बनर्जी पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने अपने दर्द को तल्खी के साथ साझा किया।
By : Lalit Rai
Update: 2024-08-19 04:49 GMT
RG Kar Hospital Doctor Case: भारतीय संस्कृति में किसी घर में लड़की के जन्म लेने पर कहा जाता है कि लक्ष्मी का आगमन हुआ है। लेकिन वो लक्ष्मी किसी कि घूरती हुई नजरों का, किसी के हवस का, किसी के बुरे स्पर्श का शिकार नहीं होगी। इसकी गारंटी नहीं है। अगर इस बात की गारंटी होती तो लड़कियां, महिलाएं घरों से बिना किसी भय के बाहर निकलतीं। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर रेप-मर्डर केस के बाद देश के अलग अलग हिस्सों में डॉक्टर विरोध कर रहे हैं। जगह भले ही अलग हो, चेहरे भले ही अलग हों लेकिन सबका दर्द एक जैसा है। उनके दिल और दिमाग में बस एक ही सवाल कि समाज के इन दरिंदों पर रोक कब लगेगी।
'सब धोखा है'
ट्रेनी डॉक्टर की मां भावुक होकर ममता बनर्जी सरकार पर सवाल उठाते हुए कहती हैं, पहले तो उन पर भरोसा था। लेकिन जिस तरह से पुलिस ने इस पूरे केस को हैंडल किया है उसके बाद भरोसा टूट गया। महिला कल्याण की जितनी भी योजनाएं चाहे वो कन्याश्री हो या लक्ष्मी भंडार सब धोखा है. जो कोई भी इस स्कीम पर दस्तखत करने के बारे में सोच रहा हो सबसे पहले वो ये देखे कि उसकी लक्ष्मी सुरक्षित है या नहीं.
ट्रेनी डॉक्टर की मां भावुक होकर ममता बनर्जी सरकार पर सवाल उठाते हुए कहती हैं, पहले तो उन पर भरोसा था। लेकिन जिस तरह से पुलिस ने इस पूरे केस को हैंडल किया है उसके बाद भरोसा टूट गया। महिला कल्याण की जितनी भी योजनाएं चाहे वो कन्याश्री हो या लक्ष्मी भंडार सब धोखा है. जो कोई भी इस स्कीम पर दस्तखत करने के बारे में सोच रहा हो सबसे पहले वो ये देखे कि उसकी लक्ष्मी सुरक्षित है या नहीं.
व्यथा सुन कांप जाएगी रूह
मीडिया द्वारा जब पूछा गया कि उन्हें अपनी बेटी का शव किस हालत में मिला, तो माता-पिता ने परेशान करने वाली जानकारी साझा की। पिता ने बताया, "हमें बताया गया कि हमारी बेटी का शव शुरू में उसी हालत में नहीं मिला था, जैसा कि बाद में सेमिनार हॉल में रखा गया था। हम ज्यादा कुछ नहीं बता सकते, क्योंकि खबर सुनने के बाद जब हम अस्पताल पहुंचे तो हमें शव को सीधे देखने की अनुमति नहीं दी गई।" मां ने आगे कहा, "हमें कुछ लोगों ने बताया कि शव के कुछ हिस्से पर कोई कपड़ा नहीं था।" हालांकि, पिता ने बीच में टोकते हुए कहा, "हम इस मुद्दे पर बात नहीं कर सकते, क्योंकि हमें उस जगह तक पहुंच नहीं थी, जहां शव रखा गया था। कृपया हमसे ये सवाल न पूछें, क्योंकि सीबीआई जांच चल रही है।"
मीडिया द्वारा जब पूछा गया कि उन्हें अपनी बेटी का शव किस हालत में मिला, तो माता-पिता ने परेशान करने वाली जानकारी साझा की। पिता ने बताया, "हमें बताया गया कि हमारी बेटी का शव शुरू में उसी हालत में नहीं मिला था, जैसा कि बाद में सेमिनार हॉल में रखा गया था। हम ज्यादा कुछ नहीं बता सकते, क्योंकि खबर सुनने के बाद जब हम अस्पताल पहुंचे तो हमें शव को सीधे देखने की अनुमति नहीं दी गई।" मां ने आगे कहा, "हमें कुछ लोगों ने बताया कि शव के कुछ हिस्से पर कोई कपड़ा नहीं था।" हालांकि, पिता ने बीच में टोकते हुए कहा, "हम इस मुद्दे पर बात नहीं कर सकते, क्योंकि हमें उस जगह तक पहुंच नहीं थी, जहां शव रखा गया था। कृपया हमसे ये सवाल न पूछें, क्योंकि सीबीआई जांच चल रही है।"
डायरी के फटे पन्ने जब पूछा गया कि क्या महिला अपने दैनिक अनुभवों को डायरी में लिखती थी, तो पिता ने इसकी पुष्टि की। यह पूछे जाने पर कि क्या डायरी के तीन से चार पन्ने गायब हैं, जैसा कि अफवाह है, उन्होंने जवाब दिया, "मैं टिप्पणी नहीं कर सकता क्योंकि मामला विचाराधीन है। हमारे पास जो भी जानकारी है, हम सीबीआई को बता देंगे।" उन्होंने फटे हुए पन्नों में से एक की तस्वीर होने का भी उल्लेख किया, लेकिन इसकी सामग्री का खुलासा करने से इनकार कर दिया, यह कहते हुए कि इसे जांचकर्ताओं के साथ साझा किया जाएगा। "देखिए, हमारी बेटी खुशी से जीना चाहती थी, उसकी आँखों में सपने थे।
'इससे मिल रही है हिम्मत'
हम चाहते हैं कि उसके सपनों को कुचलने वालों को कड़ी सजा मिले। हम राज्य और देश के उन लाखों लोगों के आभारी हैं जो हमारे साथ हैं," पिता ने अपना संयम बनाए रखने के लिए संघर्ष करते हुए कहा। "हमारे साथ खड़े रहें" माँ ने बताया कि उन्हें 9 अगस्त को सुबह 10.53 बजे अस्पताल से फोन आया। वे दोपहर 12.30 बजे अस्पताल पहुँचे, लेकिन उन्हें अपनी बेटी का शव दोपहर 3 बजे देखने की अनुमति दी गई। इस दौरान उन्हें चेस्ट मेडिसिन विभाग में घंटों इंतजार करना पड़ा। मां ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, "आपके [मीडिया] माध्यम से हम पूरे देश के लोगों को एक संदेश देना चाहते हैं। हम सभी देशवासियों, दुनिया और राज्य के लोगों के आभारी हैं। हम आपसे अनुरोध करते हैं कि जब तक आरोपी पकड़ा नहीं जाता, तब तक आप हमारे साथ खड़े रहें। हम बस यही चाहते हैं कि ऐसा किसी मां के साथ न हो, कोई भी हमारी तरह अपना बच्चा न खोए..." पिता ने कहा, "ऐसा किसी और इंसान के साथ कभी न हो..."
हम चाहते हैं कि उसके सपनों को कुचलने वालों को कड़ी सजा मिले। हम राज्य और देश के उन लाखों लोगों के आभारी हैं जो हमारे साथ हैं," पिता ने अपना संयम बनाए रखने के लिए संघर्ष करते हुए कहा। "हमारे साथ खड़े रहें" माँ ने बताया कि उन्हें 9 अगस्त को सुबह 10.53 बजे अस्पताल से फोन आया। वे दोपहर 12.30 बजे अस्पताल पहुँचे, लेकिन उन्हें अपनी बेटी का शव दोपहर 3 बजे देखने की अनुमति दी गई। इस दौरान उन्हें चेस्ट मेडिसिन विभाग में घंटों इंतजार करना पड़ा। मां ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, "आपके [मीडिया] माध्यम से हम पूरे देश के लोगों को एक संदेश देना चाहते हैं। हम सभी देशवासियों, दुनिया और राज्य के लोगों के आभारी हैं। हम आपसे अनुरोध करते हैं कि जब तक आरोपी पकड़ा नहीं जाता, तब तक आप हमारे साथ खड़े रहें। हम बस यही चाहते हैं कि ऐसा किसी मां के साथ न हो, कोई भी हमारी तरह अपना बच्चा न खोए..." पिता ने कहा, "ऐसा किसी और इंसान के साथ कभी न हो..."