सुप्रीम कोर्ट से केजरीवाल को अंतरिम जमानत फिर भी रिहाई नहीं, जानें- क्यों

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई थी. फिलहाल वो सीबीआई की कस्टडी में भी हैं.

By :  Lalit Rai
Update: 2024-07-12 05:13 GMT

Arvind Kejriwal Bail News:  दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है. दिल्ली एक्साइज पॉलिसी में पीएमएलए के तहत दर्ज मामले में  अदालत ने उन्हें अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है. इसके साथ ही केस को बड़ी बेंच के पास भेज दिया है. लेकिन उनकी रिहाई संभव नहीं है. तीन जजों की बेंच अब केजरीवाल केस की सुनवाई करेंगे. इसके लिए चीफ जस्टिस तीन जजों को नियुक्त करेंगे.अब आपके मन में सवाल उठ रहा होगा कि अंतरिम जमानत मिलने के बाद भी रिहाई क्यों नहीं होगी. दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने ईडी द्वारा दर्ज केस में जमानत दी है. लेकिन केजरीवाल अभी सीबीआई के कस्टडी में हैं. लिहाजा जेल से बाहर निकलना  मुश्किल है.

सुप्रीम कोर्ट में 17 मई को सुनवाई हुई थी पूरी

सुप्रीम कोर्ट में केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई 17 मई को ही पूरी हो चुकी थी. सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा था. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ईडी से कई सख़्त सवाल से पूछे हैं. कोर्ट ने कहा है कि ED अधिकारी गिरफ्तारी करने से पहले उन बयान/ सबूतों को नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते है, जो आरोपी के पक्ष में जाते है.अगर PMLA के सेक्शन 19 के तहत गिरफ्तारी की शर्तों का उल्लंघन हुआ है, तो कोर्ट के दखल का औचित्य बनता है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को ईडी ने 21 मार्च को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया था. जिसके बाद उन्होंने इस गिरफ्तारी के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया था. लेकिन 9 अप्रैल को हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया था. जिसके खिलाफ अरविन्द केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.

अदालत के सामने ईडी की क्या थी दलील
SG तुषार मेहता ने ईडी की तरफ से दलील रखते हुए कहा था कि PMLA के विभिन्न प्रावधानों का हवाला देकर ये साबित करने की कोशिश कर रहे है कि केजरीवाल की याचिका सुनवाई लायक नहीं है. कोर्ट ने कहा कि अरविंद केजरीवाल की याचिका में आपत्ति इस बात को लेकर जाहिर की गई है कि PMLA के सेक्शन 19 के तहत गिरफ्तारी की जो कसौटी है, उस पर उनकी गिरफ्तारी खरा नहीं उतरती है. SG तुषार मेहता ने दलील दी कि ट्रायल कोर्ट को तय करना है कि केजरीवाल की गिरफ्तारी में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के सेक्शन 19 के तहत ज़रूरी शर्तो का पालन हुआ है या नहीं.

हर किसी को ये प्रिविलेज हासिल नहीं है कि वो अपनी गिरफ्तारी को सीधे कोर्ट में चुनौती दें. अगर कोर्ट इस याचिका को मंजूर कर लेता है तो बाकी को इंकार नहीं कर सकता. कोर्ट ने कहा - अगर PMLA के सेक्शन 19 का उल्लंघन हुआ है, तो कोर्ट निश्चित तौर पर दख़ल दे सकता है, फिर चाहे वो रिमांड कोर्ट हो या कोई हाई कोर्ट. ED की ओर से ASG एसवी राजू ने एक बार फिर कोर्ट को बताया कि आबकारी नीति मामले में AAP को आरोपी बनाया जाएगा. इसको लेकर जल्द ही चार्जशीट दाखिल की जाएगी. ASG एसवी राजू ने कहा कि इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला साबित करने के लिए केजरीवाल के खिलाफ पुख्ता सबूत है. केजरीवाल ने 100 करोड़ की रिश्वत मांगी है. इसमे से पैसा गोवा भी पहुंचा, इसका इस्तेमाल वहाँ AAP ने चुनाव प्रचार में किया. AAP को इसलिए इस केस में आरोपी बनाया जाएगा. हमारे पास इस बात के पुख्ता सबूत है कि केजरीवाल 7 स्टार होटल में ठहरा. इसका लाखों का बिल चरनप्रीत सिंह ने चुकाया, जिसे कैश मिला था.

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