स्टालिन का केंद्र पर तीखा हमला, बोले- 'तमिलनाडु फंड्स के लिए नहीं मांग रहा भीख'

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने कहा कि 2026 की जनगणना से जुड़ी परिसीमन प्रक्रिया दक्षिणी राज्यों के लिए जोखिमपूर्ण है, इससे लड़ने के लिए सामूहिक कोशिस की जरूरत है.;

Update: 2025-03-12 17:48 GMT

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन ने बुधवार (12 मार्च) को बीजेपी नीत केंद्र सरकार की तीखी आलोचना की. उन्होंने खासकर परिसीमन और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 पर जमकर हमला बोला. स्टालिन ने स्पष्ट किया कि राज्य इन नीतियों के खिलाफ आखिरी सांस तक संघर्ष करता रहेगा.

अंतिम सांस तक करेंगे संघर्ष

तिरुवल्लूर में एक सार्वजनिक सभा को संबोधित करते हुए स्टालिन ने कहा कि हम परिसीमन और अन्य हानिकारक योजनाओं के खिलाफ अपनी आखिरी सांस तक संघर्ष करेंगे. उन्होंने 22 मार्च को चेन्नई में एक बड़े सार्वजनिक सम्मेलन की घोषणा की, जिसमें दक्षिणी राज्यों के नेताओं को केंद्र की जनसंख्या आधारित परिसीमन योजना के खिलाफ एकजुट करने की बात कही,. यह सम्मेलन तमिलनाडु और अन्य दक्षिणी राज्यों के हितों की रक्षा के लिए एक व्यापक गठबंधन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है.

भीख नहीं, मांग रहे अधिकार

स्टालिन ने कहा कि तमिलनाडु देश की अर्थव्यवस्था में अहम योगदान देता है और राज्य अपनी सही हिस्सेदारी के रूप में फंड मांग रहा है, न कि भीख. स्टालिन ने कहा कि हम भीख नहीं मांग रहे हैं, हम अपना हक मांग रहे हैं. तमिलनाडु ने करों के रूप में जो योगदान दिया है, अब उसे उसका उचित हिस्सा चाहिए. राज्य भारत की जीडीपी में 35 प्रतिशत योगदान करता है, जबकि इसकी जनसंख्या केवल 18 प्रतिशत है. अनुसंधान से यह साबित होता है कि तमिलनाडु सभी मापदंडों में उत्कृष्ट है, फिर भी हमारे फंड को रोका जा रहा है.

NEP 2020: एक हमला

स्टालिन ने NEP 2020 पर भी तीखा हमला किया, इसे गरीबों के खिलाफ और हिंदी को थोपने का एक षड्यंत्र बताते हुए उन्होंने कहा कि NEP 2020 एक भगवा नीति है, जो वंचित SC/ST छात्रों को ट्यूशन फीस में छूट से वंचित करती है. जबकि हिंदी को थोपने की कोशिश करती है. हम इसका विरोध करते हैं. क्योंकि यह सामाजिक न्याय को कमजोर करती है. उन्होंने NEET की तरह राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षाओं को भी छात्रों के लिए हानिकारक बताया और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान पर आरोप लगाया कि वे NEP को लागू करने के लिए वित्तीय सहायता रोक रहे हैं. स्टालिन ने कहा कि प्रधान ने हमें NEP 2020 स्वीकार करने तक फंड देने से मना कर दिया है. हम इसे एक लाख करोड़ रुपये के लिए भी स्वीकार नहीं करेंगे. आप हमारे प्रधानाचार्य नहीं हैं और हम आपके छात्र नहीं हैं.

तमिलों के अपमान करने का आरोप

स्टालिन ने बीजेपी पर तमिलों का अपमान करने का आरोप लगाया. उन्होंने पूर्व ओडिशा मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के सहयोगी वीके पांडियन के खिलाफ आरोपों का हवाला देते हुए कहा कि बीजेपी हमसे भारी कर वसूलती है. लेकिन हमें फंड नहीं देती और संस्कृत को बढ़ावा देते हुए हिंदी थोपने की कोशिश करती है. इसमें कहां की शिष्टता है?

मोदी ने अधिकारों को किया कमजोर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2014 में किए गए वादों को याद करते हुए स्टालिन ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने राज्यों के अधिकारों को कमजोर किया है. स्टालिन ने कहा कि मोदी ने राज्यों के बीच शक्ति वितरित करने और दिल्ली से सत्ता विकेंद्रीकरण करने का वादा किया था. लेकिन उनकी सरकार ने केंद्रित सत्ता का रास्ता अपनाया है. इसके साथ ही, उन्होंने चेतावनी दी कि 2026 की जनगणना के आधार पर परिसीमन प्रक्रिया दक्षिणी राज्यों के प्रतिनिधित्व के लिए खतरा पैदा कर सकती है. यह सिर्फ तमिलनाडु का संघर्ष नहीं है, यह सभी दक्षिणी राज्यों के खिलाफ एक सामूहिक प्रयास है. हम उनके नेताओं से समर्थन प्राप्त कर रहे हैं.

AIADMK पर हमला

स्टालिन ने AIADMK पर भी हमला किया, आरोप लगाते हुए कि इस पार्टी ने बीजेपी के एजेंडे को लागू करने में मदद की. केंद्र AIADMK के साथ मिलकर दक्षिण पंथी रणनीतियों को लागू करने की कोशिश कर रही है. अब वे समझ गए हैं कि डीएमके किसी भी तरह के समझौते के पक्ष में नहीं है. उन्होंने यह भी दोहराया कि डीएमके बीजेपी की तानाशाही योजनाओं का कड़ा विरोध करेगा. हम संघीयता का समर्थन करते हैं और इसे अपनी आखिरी सांस तक बचाए रखेंगे.

डराने की रणनीति

बीजेपी ने स्टालिन के आरोपों को खारिज करते हुए इसे केवल "डराने की रणनीति" करार दिया है. गृह मंत्री अमित शाह ने 26 फरवरी को कोयंबटूर में एक रैली में आश्वासन दिया कि तमिलनाडु को परिसीमन के कारण एक भी लोकसभा सीट नहीं खोनी पड़ेगी. शाह ने स्टालिन पर इस मुद्दे पर गलत जानकारी फैलाने का आरोप भी लगाया.

निर्मला सीतारमण पर हमला

इस बीच, तमिल अभिनेता और तमिलगागा वेत्त्री काझगम (TVK) के नेता विजय ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर हमला किया. सीतारमण ने हाल ही में संसद में पेरियार ईवी रामासामी के बारे में कथित टिप्पणी की थी, जिसमें उन्होंने तमिल को "जंगली भाषा" कहा था. विजय ने इस बयान पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या केंद्र के वित्त मंत्री सच में परेशान हैं. अगर ऐसा है तो क्या उन्हें तमिलनाडु में तीन भाषा नीति को लागू करने से बचना नहीं चाहिए? इसने पूरे तमिलनाडु में एक नया विवाद खड़ा कर दिया है, जिससे राज्य और केंद्र के बीच तनाव बढ़ सकता है.

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