उदयनिधि स्टॅलिन को अगस्त में बनाया जा सकता है उपुख्य्मंत्री : रिपोर्ट

एमके स्टालिन के बेटे ने कथित तौर पर इस नियुक्ति की मांग रैंक में ऊपर उठने और अपने पिता को राज्य के शासन का प्रबंधन करने में मदद करने के लिए की थी, खासकर 2026 के विधानसभा चुनावों के मद्देनजर

Update: 2024-07-18 15:41 GMT

Udaynidhi Stalin: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन को अगले महीने के पहले सप्ताह में राज्य के उपमुख्यमंत्री के पद पर पदोन्नत किए जाने की संभावना है. उदयनिधि वर्तमान में तमिलनाडु सरकार में युवा कल्याण और खेल विकास मंत्री हैं और डीएमके की युवा शाखा के नेता हैं. वे चेपक-तिरुवल्लिकेनी निर्वाचन क्षेत्र से विधायक हैं.


पार्टी के अंदरूनी सूत्र क्या कहते हैं?
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि डीएमके कैडर और नेता भी चाहते हैं कि उदयनिधि को उपमुख्यमंत्री बनाया जाए, ये कदम 2026 के विधानसभा चुनावों में पार्टी के लिए “बहुत बड़ा फायदा” होगा.
हालांकि, डीएमके के संगठन सचिव आरएस भारती ने साफ किया कि पार्टी अध्यक्ष और मुख्यमंत्री स्टालिन इस मामले पर अंतिम फैसला लेंगे. भारती ने कहा, "मुख्यमंत्री एमके स्टालिन को मंत्री उदयनिधि स्टालिन को उपमुख्यमंत्री बनाने पर फैसला करना है. जब ऐसा होगा, तो इसकी घोषणा जरूर की जाएगी."

अहम भूमिका 
उदयनिधि ने 2021 के विधानसभा चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसने राज्य में अन्नाद्रमुक के एक दशक के शासन को समाप्त कर दिया.
उनके चुनाव अभियान में ईंट दिखाकर ये संकेत दिया गया कि केंद्र ने मदुरै के लिए वादा किए गए एम्स प्रोजेक्ट पर कोई काम शुरू नहीं किया है, जिसका पार्टी की जीत की संभावनाओं को बढ़ाने में बड़ा प्रभाव पड़ा. उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव में भी पार्टी के लिए प्रभावी ढंग से प्रचार किया.

पिता के पदचिन्हों पर?
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, उदयनिधि ने अपने पिता को राज्य के शासन का प्रबंधन करने में मदद करने के लिए, विशेष रूप से 2026 के विधानसभा चुनावों के मद्देनजर, इस नियुक्ति की मांग की थी.
हालांकि, स्टालिन ने कुछ महीने पहले ही उदयनिधि की पदोन्नति की खबरों को "अफवाह" बताकर खारिज कर दिया था. 2009 के लोकसभा चुनावों के बाद स्टालिन खुद भी इसी तरह उपमुख्यमंत्री बने थे. करुणानिधि के मुख्यमंत्री रहते हुए वे 2009 से 2011 तक उपमुख्यमंत्री रहे थे.

दो बार टल चूका है फैसला 
जाहिर है, उदयनिधि को उपमुख्यमंत्री बनाने की योजना इस साल दो बार टालनी पड़ी. सबसे पहले, जनवरी में सनातन धर्म विवाद छिड़ा, जिसके लिए उन्हें सुप्रीम कोर्ट से फटकार मिली. उदयनिधि ने सनातन धर्म की तुलना “मलेरिया” और “डेंगू” से की थी और इसके उन्मूलन का आह्वान किया था.
हाल ही में डीएमके सरकार को एक बार फिर कल्लकुरिची शराब त्रासदी के कारण आलोचनाओं का सामना करना पड़ा. जून में कल्लकुरिची जिले में नकली शराब पीने से कम से कम 65 लोगों की मौत हो गई थी.
उदयनिधि ने दिसंबर 2022 में स्टालिन मंत्रिमंडल में मंत्री के रूप में शपथ ली.


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